भारत एक कृषि प्रधान देश है और यहां किसानों की आजीविका मुख्य रूप से खेती पर निर्भर करती है। खेती में पानी की उपलब्धता और उसका सही उपयोग बहुत महत्वपूर्ण है। इसी को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने किसानों के लिए एक बड़ी पहल की है। यह पहल है प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY): पर ड्रॉप मोर क्रॉप, जिसे 1 जुलाई 2015 को कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया था। 🚜🌾
इस योजना का मुख्य उद्देश्य है – पानी की हर बूंद का सही इस्तेमाल करना और हर खेत तक पानी पहुंचाना। आइए विस्तार से जानते हैं इस योजना के बारे में।
योजना का उद्देश्य 🎯
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पर ड्रॉप मोर क्रॉप) के कई महत्वपूर्ण उद्देश्य हैं, जिनमें से प्रमुख निम्नलिखित हैं –
- देश में सूक्ष्म सिंचाई तकनीक (ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली) को बढ़ावा देना।
- पानी के प्रभावी उपयोग से फसल उत्पादन और किसानों की आय में वृद्धि करना।
- गन्ना, केला, कपास जैसी पानी की अधिक खपत वाली फसलों में माइक्रो इरिगेशन तकनीक को अपनाना।
- उर्वरक और पानी के बेहतर उपयोग के लिए फर्टिगेशन को बढ़ावा देना।
- पानी की कमी वाले क्षेत्रों और भूजल संकट वाले जिलों में अधिकतम लाभ पहुंचाना।
- ट्यूबवेल और लिफ्ट इरिगेशन परियोजनाओं को माइक्रो इरिगेशन तकनीक से जोड़कर ऊर्जा की बचत करना।
- आधुनिक वैज्ञानिक तरीकों से कृषि और बागवानी विकास करना।
- युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करना, जैसे सिंचाई प्रणाली की स्थापना और रखरखाव।
👉 सरल शब्दों में, इस योजना का लक्ष्य है – कम पानी में अधिक पैदावार दिलाना।
योजना की प्रमुख विशेषताएं 🌟
- यह योजना केवल सिंचाई का स्रोत बनाने तक सीमित नहीं है, बल्कि वर्षा जल का संरक्षण और भंडारण करके सुरक्षित सिंचाई भी उपलब्ध कराती है।
- योजना में पानी की अधिकतम बचत और उपयोगिता पर ज़ोर दिया गया है।
- योजना के चार मुख्य घटक हैं –
- तेज सिंचाई लाभ कार्यक्रम (AIBP)
- हर खेत को पानी
- वाटरशेड विकास
- पर ड्रॉप मोर क्रॉप
- “पर ड्रॉप मोर क्रॉप” घटक के अंतर्गत –
- माइक्रो स्टोरेज संरचनाएं
- प्रभावी जल परिवहन और उपयोग
- सटीक सिंचाई प्रणाली
- पानी उठाने वाले उपकरण
- प्रशिक्षण और जागरूकता कार्यक्रम शामिल हैं।
योजना का संचालन 🏢
- इस योजना का संचालन कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा किया जाता है।
- राज्य सरकारें राज्य कृषि विभाग को नोडल एजेंसी बनाकर योजना लागू करती हैं।
- हर राज्य अपनी सुविधा के अनुसार अलग-अलग कार्यान्वयन एजेंसियां भी चुन सकता है।
- किसानों को मिलने वाली सभी सब्सिडी और सहायता राशि प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) के माध्यम से सीधे बैंक खाते में भेजी जाती है। 💳
किसानों को मिलने वाले लाभ 🌾👨🌾
- ड्रिप और स्प्रिंकलर सिस्टम लगाने पर वित्तीय सहायता।
- फसलों के अनुसार सिंचाई तकनीक का चुनाव करने की स्वतंत्रता।
- किसान स्वयं या अनुमोदित कंपनियों के माध्यम से उपकरण लगवा सकते हैं।
- अन्य हस्तक्षेपों में भी लाभ जैसे –
- खेत तालाब बनवाना
- पानी उठाने के उपकरण
- वर्षा जल संग्रहण संरचनाएं
- किसानों को जल प्रबंधन और सिंचाई तकनीक पर प्रशिक्षण भी दिया जाता है।
वित्तीय सहायता 💰
- छोटे और सीमांत किसानों के लिए सहायता 55% तक।
- अन्य किसानों के लिए सहायता 45% तक।
- केंद्र और राज्य सरकार के बीच 60:40 अनुपात में खर्च वहन।
- उत्तर-पूर्वी और हिमालयी राज्यों में यह अनुपात 90:10 है।
- केंद्र शासित प्रदेशों के लिए पूरा खर्च केंद्र सरकार द्वारा 100% वहन किया जाता है।
👉 इसका मतलब यह हुआ कि किसानों को अपने खेतों में आधुनिक सिंचाई व्यवस्था लगाने में कम से कम खर्च करना पड़ेगा।
पात्रता मानदंड ✅
- आवेदक भारत का नागरिक होना चाहिए।
- सभी किसान, चाहे छोटे हों या बड़े, इस योजना का लाभ ले सकते हैं।
- सहायता की सीमा प्रति किसान अधिकतम 5 हेक्टेयर भूमि तक है।
- किसानों को केवल BIS मार्क वाले उपकरण ही खरीदने होंगे।
- लाभ पाने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य है।
आवेदन प्रक्रिया 📝
किसान इस योजना में ऑफ़लाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए निम्नलिखित चरण पूरे करने होंगे –
चरण 1️⃣: संपर्क
- किसान अपने ग्राम पंचायत या ब्लॉक/जिला कृषि कार्यालय से संपर्क करें।
- किसान कॉल सेंटर (टोल-फ्री नंबर 1800-180-1551) पर भी जानकारी ले सकते हैं।
2️⃣: आवेदन पत्र प्राप्त करें
- कृषि अधिकारी या संबंधित विभाग से आवेदन पत्र प्राप्त करें।
3️⃣: आवेदन भरें
- सभी जरूरी जानकारी भरें।
- पासपोर्ट फोटो चिपकाएं और आवश्यक दस्तावेज़ संलग्न करें।
4️⃣: जमा करें
- आवेदन पत्र को संबंधित अधिकारी के पास जमा करें।
- जमा करने पर रसीद प्राप्त करें।
आवश्यक दस्तावेज 📑
- आधार कार्ड
- बैंक खाता विवरण
- पता प्रमाण
- पासपोर्ट साइज फोटो
- जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)
- कृषि भूमि का प्रमाण पत्र
- राज्य/केंद्र शासित प्रदेश का निवास प्रमाण पत्र
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ) ❓
Q1: इस योजना का मुख्य फोकस क्या है?
👉 पानी की बचत और खेत स्तर पर सूक्ष्म सिंचाई तकनीक का उपयोग।
Q2: यह योजना कब शुरू हुई थी?
👉 1 जुलाई 2015 को।
Q3: यह योजना किस मंत्रालय द्वारा चलाई जाती है?
👉 कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा।
Q4: योजना के मुख्य घटक कौन से हैं?
👉 AIBP, हर खेत को पानी, वाटरशेड विकास, और पर ड्रॉप मोर क्रॉप।
Q5: क्या यह केंद्रीय प्रायोजित योजना है?
👉 हां, यह केंद्र प्रायोजित योजना है।
Q6: किसानों को कितनी भूमि तक लाभ मिलेगा?
👉 अधिकतम 5 हेक्टेयर भूमि तक।
Q7: वित्तीय सहायता कैसे मिलेगी?
👉 प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) के जरिए सीधे किसान के बैंक खाते में।
Q8: क्या आधार कार्ड जरूरी है?
👉 हां, आधार कार्ड अनिवार्य है।
🔗 आंतरिक लिंक सुझाव:
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना 2025
Ayushman Card वय वंदना कार्ड 2025
निष्कर्ष 🌍🌱
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पर ड्रॉप मोर क्रॉप) किसानों के लिए पानी की बचत और बेहतर उत्पादन का सुनहरा अवसर है। इस योजना से न केवल खेती में पानी की खपत कम होगी, बल्कि फसल की पैदावार और किसानों की आय में भी वृद्धि होगी।
किसानों को चाहिए कि वे जल्द से जल्द इस योजना का लाभ उठाकर अपनी खेती को आधुनिक तकनीक से जोड़ें।
👉 अधिक जानकारी और आवेदन प्रक्रिया के लिए आप अपने नज़दीकी कृषि कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं।