भारत जैसे कृषि प्रधान देश में किसानों की आजीविका का मुख्य साधन खेती है 🚜। लेकिन हर साल सूखा, बाढ़, ओलावृष्टि या कीटों के हमले जैसी प्राकृतिक आपदाएं उनकी मेहनत पर पानी फेर देती हैं। ऐसे समय में राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (National Agriculture Insurance Scheme – NAIS) किसानों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है 🌱।
इस योजना का उद्देश्य किसानों को फसल नुकसान से बचाना, उनकी आय स्थिर रखना और उन्हें आधुनिक कृषि पद्धतियों को अपनाने के लिए प्रेरित करना है।
🌿 योजना का उद्देश्य
राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को फसल नुकसान पर वित्तीय सहायता देना है ताकि किसी भी प्राकृतिक आपदा या रोग से उनकी मेहनत व्यर्थ न जाए। इस योजना के माध्यम से किसानों को फसल बीमा कवरेज दिया जाता है जिससे वे अगली फसल के लिए आत्मविश्वास से खेती जारी रख सकें 🌾।
👉 यह योजना किसानों के बीच जोखिम प्रबंधन की भावना को बढ़ावा देती है और उन्हें कृषि में तकनीकी नवाचार अपनाने के लिए प्रोत्साहित करती है।
🌻 योजना की प्रमुख विशेषताएं (Key Features)
राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना कई विशेष सुविधाओं के साथ आती है 🌾👇
- फसल कवरेज: खाद्यान्न, तिलहन, वाणिज्यिक और बागवानी फसलें शामिल हैं।
- प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा: सूखा, बाढ़, चक्रवात, ओलावृष्टि, भूस्खलन, कीट और बीमारियों से फसल नुकसान का कवरेज।
- फसल जीवनचक्र के सभी चरणों में सुरक्षा:
- बुवाई/रोपाई के समय जोखिम।
- खड़ी फसल की हानि।
- कटाई के बाद नुकसान (जैसे बारिश या तूफान से)।
- स्थानीय जोखिम कवरेज: जैसे ओलावृष्टि, भूस्खलन आदि।
- छोटे और सीमांत किसानों के लिए सब्सिडी: बीमा प्रीमियम पर 10% तक की सरकारी सहायता।
- राष्ट्रीय स्तर पर लागू: यह योजना देश के अधिकांश राज्यों में उपलब्ध है।
💰 बीमा प्रीमियम दरें (Premium Rates)
सरकार ने किसानों की क्षमता को ध्यान में रखते हुए प्रीमियम दरें बहुत ही कम रखी हैं 👇
| फसल प्रकार | फसल सीजन | प्रीमियम दर |
|---|---|---|
| खाद्यान्न और तिलहन (खरीफ) | खरीफ सीजन | बीमित राशि का 3.5% |
| खाद्यान्न और तिलहन (रबी) | रबी सीजन | बीमित राशि का 1.5% |
| वाणिज्यिक एवं बागवानी फसलें | वार्षिक | एक्चुअरियल दरें (Actuarial Rates) लागू |
👉 छोटे और सीमांत किसानों को 10% तक प्रीमियम सब्सिडी दी जाती है, जो राज्य और केंद्र सरकार मिलकर देती हैं।
👨🌾 योजना के लाभ (Benefits)
राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना किसानों के लिए कई प्रकार के लाभ प्रदान करती है 🌻👇
🌾 1. व्यापक फसल सुरक्षा
- प्राकृतिक आपदाओं (बाढ़, सूखा, ओलावृष्टि) और कीट-रोगों से फसल सुरक्षा।
- बीमा कवरेज में बुवाई से लेकर कटाई के बाद तक सभी चरण शामिल।
💸 2. सस्ती प्रीमियम दरें
- सीमांत और छोटे किसानों को सब्सिडी दी जाती है ताकि वे आसानी से योजना का लाभ उठा सकें।
🏦 3. त्वरित दावा निपटान (Quick Claim Settlement)
- नुकसान की रिपोर्ट के बाद जांच कर राशि सीधे किसान के बैंक खाते में भेजी जाती है।
🌱 4. आधुनिक कृषि पद्धतियों को बढ़ावा
- जोखिम कम होने से किसान नई तकनीकों और बेहतर फसलों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित होते हैं।
🌍 5. देशभर में लागू
- यह योजना देश के 23 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू है, जिससे अधिकतम किसानों को लाभ मिलता है।
📋 पात्रता (Eligibility Criteria)
योजना के तहत दो प्रकार के किसान पात्र हैं 👇
👨🌾 1. ऋणी किसान (Loanee Farmers)
- जो किसान मौसमी कृषि ऋण (Seasonal Agricultural Operations) बैंक या सहकारी संस्थाओं से लेते हैं।
- इन किसानों का बीमा स्वतः (Automatically) हो जाता है और प्रीमियम राशि ऋण से काट ली जाती है।
🚜 2. गैर-ऋणी किसान (Non-Loanee Farmers)
- ऐसे किसान जो ऋण नहीं लेते, वे स्वेच्छा से आवेदन कर सकते हैं।
- उन्हें आवेदन फॉर्म भरकर आवश्यक दस्तावेजों के साथ बैंक या बीमा कार्यालय में जमा करना होता है।
🧾 आवेदन प्रक्रिया (Application Process)
किसान अपने अनुसार दो तरीकों से आवेदन कर सकते हैं 👇
🏦 1. ऋणी किसानों के लिए (Loanee Farmers)
- बैंक या PACS से ऋण लेने पर किसान स्वतः इस योजना में शामिल हो जाता है।
- बीमा प्रीमियम ऋण राशि से ही काट लिया जाता है।
✍️ 2. गैर-ऋणी किसानों के लिए (Non-Loanee Farmers)
Step 1: नजदीकी बैंक शाखा या बीमा कंपनी के कार्यालय जाएं।
Step 2: राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना का आवेदन फॉर्म भरें।
Step 3: आवश्यक दस्तावेज जमा करें –
- आधार कार्ड
- जमीन का स्वामित्व या पट्टा प्रमाण
- फसल बोआई का विवरण
- बैंक खाता जानकारी
Step 4: बीमा प्रीमियम का भुगतान करें।
👉 आवेदन फसल सीजन की अंतिम तिथि से पहले करना जरूरी है।
📞 संपर्क व सहायता (Helpline & Contact Information)
अगर आवेदन के दौरान कोई समस्या आती है या जानकारी चाहिए, तो किसान निम्न माध्यमों से संपर्क कर सकते हैं 📱👇
📞 टोल-फ्री नंबर: 1800-180-1551
📧 ईमेल: pmfby-support@gov.in
🌐 आधिकारिक वेबसाइट: www.pmfby.gov.in
👉 किसान यहाँ से योजना की गाइडलाइन, बीमा कंपनी की जानकारी और ऑनलाइन आवेदन लिंक भी प्राप्त कर सकते हैं।
📚 आवश्यक दस्तावेज (Required Documents)
राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना में आवेदन करते समय निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होती है 📄👇
- आधार कार्ड या कोई वैध पहचान पत्र
- भूमि अभिलेख या किरायानामा (Tenancy Proof)
- फसल बोआई प्रमाणपत्र (यदि लागू हो)
- बैंक पासबुक / खाता विवरण
- आवेदन फॉर्म
⚙️ दावा प्रक्रिया (Claim Process)
फसल नुकसान की स्थिति में किसान को निम्नलिखित प्रक्रिया अपनानी होती है 🚜👇
📢 1. नुकसान की रिपोर्ट
- घटना के 48 घंटे के भीतर स्थानीय कृषि विभाग या बीमा कंपनी को सूचित करें।
🔍 2. संयुक्त जांच (Assessment)
- स्थानीय प्रशासन और बीमा प्रतिनिधि मिलकर फसल नुकसान का आकलन करते हैं।
💳 3. दावा भुगतान (Claim Settlement)
- सत्यापन के बाद बीमा राशि सीधे किसान के बैंक खाते में DBT (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से भेजी जाती है।
🌼 योजना के अंतर्गत शामिल राज्य
वर्तमान में यह योजना भारत के 23 राज्य एवं केंद्रशासित प्रदेशों में लागू है।
हालांकि, पंजाब, मणिपुर, नागालैंड, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश में यह लागू नहीं है।
🧠 अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
❓1. राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना क्या है?
यह केंद्र सरकार की योजना है जो किसानों को प्राकृतिक आपदाओं, कीट और रोगों से होने वाले फसल नुकसान पर आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है।
❓2. योजना में कौन आवेदन कर सकता है?
ऋणी किसान स्वचालित रूप से कवर होते हैं, जबकि गैर-ऋणी किसान स्वयं आवेदन कर सकते हैं।
❓3. बीमा प्रीमियम कितना है?
- खरीफ फसलों के लिए 3.5%
- रबी फसलों के लिए 1.5%
- वाणिज्यिक फसलों के लिए एक्चुअरियल दरें लागू।
❓4. क्या छोटे किसानों को छूट मिलती है?
हाँ 🌾, छोटे और सीमांत किसानों को 10% तक सब्सिडी दी जाती है।
❓5. फसल नुकसान की सूचना कब देनी होती है?
घटना के 48 घंटे के भीतर स्थानीय कृषि कार्यालय या बीमा कंपनी को जानकारी देनी चाहिए।
❓6. बीमा राशि कब मिलती है?
जांच पूरी होने के बाद राशि सीधे किसान के बैंक खाते में DBT के जरिए जमा की जाती है।
🌾 निष्कर्ष (Conclusion)
राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना (NAIS) किसानों के लिए एक ऐसी ढाल है जो उन्हें प्राकृतिक आपदाओं और फसल नुकसान से बचाती है 🌦️। इस योजना के माध्यम से किसान न केवल अपनी आय को सुरक्षित कर सकते हैं बल्कि बेहतर खेती तकनीकों को अपनाकर आर्थिक रूप से सशक्त बन सकते हैं।
👉 इसलिए, अगर आप किसान हैं तो आज ही इस योजना में शामिल होकर अपनी फसल और भविष्य दोनों की सुरक्षा करें 🌱।
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