महाराष्ट्र सरकार द्वारा किसानों की आय में वृद्धि और फल उत्पादन को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से “भाऊसाहेब फुंडकर फळबाग लागवड योजना” (Bhausaheb Fundkar Falbag Lagvad Yojana) शुरू की गई है। 🍋🥭
यह योजना वर्ष 2018-19 के खरीफ सीजन से लागू की गई थी और आज भी राज्य के हजारों किसान इससे लाभ उठा रहे हैं।
इस योजना के माध्यम से किसानों को 16 प्रकार की बहुवर्षीय फलों की खेती (Perennial Fruit Crops) के लिए सब्सिडी (Subsidy) दी जाती है। यह सहायता सीधे आधार लिंक बैंक खाते (DBT) में जमा की जाती है।
📜 योजना का उद्देश्य
👉 महाराष्ट्र के किसानों को फल उत्पादन हेतु प्रोत्साहित करना।
👉 फळबाग (Fruit Orchard) के माध्यम से किसानों की आय में स्थायी वृद्धि करना।
👉 बागवानी (Horticulture) क्षेत्र में नई तकनीकों का उपयोग बढ़ाना।
👉 किसानों को रासायनिक और जैविक खाद, पौधरोपण, सिंचाई आदि पर आर्थिक सहयोग देना।
इस योजना का मुख्य उद्देश्य यही है कि किसान परंपरागत खेती से आगे बढ़कर फल उत्पादन की दिशा में कदम बढ़ाएं और दीर्घकालिक मुनाफा प्राप्त करें। 🌱
🍊 योजना का संक्षिप्त विवरण
योजना का नाम | भाऊसाहेब फुंडकर फळबाग लागवड योजना |
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प्रारंभ वर्ष | 2018-19 (खरीफ मौसम) |
लागू क्षेत्र | संपूर्ण महाराष्ट्र राज्य |
योजना प्रकार | राज्य प्रायोजित योजना (100% राज्य सरकार द्वारा) |
सहायता प्रकार | प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (DBT) के माध्यम से सब्सिडी |
विभाग | कृषी विभाग, महाराष्ट्र शासन |
आधिकारिक वेबसाइट | https://mahadbt.maharashtra.gov.in |
🥭 योजना के अंतर्गत शामिल 16 फलों की फसलें
इस योजना के तहत किसानों को 16 प्रमुख बहुवर्षीय फलों की खेती के लिए सहायता दी जाती है। ये फल महाराष्ट्र के विभिन्न जलवायु क्षेत्रों के अनुसार उपयुक्त हैं 🍇👇
- आम (Mango)
- काजू (Cashew)
- अमरूद (Guava)
- चिकू (Sapota)
- सीताफल (Custard Apple)
- डाळिंब (Pomegranate)
- कागदी लिंबू (Paper Lemon)
- नारळ (Coconut)
- चिंच (Tamarind)
- अंजीर (Fig)
- आवळा (Amla)
- कोकम (Kokum)
- फणस (Jackfruit)
- जांभुळ (Jamun)
- संत्रा (Orange)
- मोसंबी (Sweet Lime)
💡 नोट: एक किसान एक से अधिक फल फसलों के लिए आवेदन कर सकता है।
💰 योजना के अंतर्गत लाभ / सब्सिडी
किसानों को नीचे दिए गए फलों की खेती के लिए विभिन्न दरों पर सब्सिडी प्रदान की जाती है। यह सब्सिडी तीन वर्षों में किस्तों के रूप में सीधे बैंक खाते में भेजी जाती है।
फल फसल | सब्सिडी राशि (₹ में) |
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आम (Mango) | ₹67,005 – ₹1,29,306 |
काजू (Cashew) | ₹67,027 |
अमरूद (Guava) | ₹74,860 – ₹2,27,517 |
डाळिंब (Pomegranate) | ₹1,20,777 |
कागदी लिंबू (Paper Lemon) | ₹72,907 |
संत्रा / मोसंबी (Orange/Mosambi) | ₹82,879 – ₹1,21,519 |
सीताफल (Custard Apple) | ₹88,275 |
आवळा (Amla) | ₹60,064 |
चिंच (Tamarind) | ₹57,465 |
जांभुळ (Jamun) | ₹57,465 |
कोकम (Kokum) | ₹57,589 |
फणस (Jackfruit) | ₹54,940 |
अंजीर (Fig) | ₹1,13,936 |
चिकू (Sapota) | ₹64,455 |
नारळ (Coconut) | ₹93,817 |
🌾 सहायता किन कार्यों के लिए दी जाती है?
यह सब्सिडी फळबाग की स्थापना और रखरखाव के लिए निम्नलिखित कार्यों हेतु दी जाती है 👇
1️⃣ गड्ढे खोदने (Pit Digging) के लिए
2️⃣ पौधे / कलम लगाने (Planting grafts/seedlings) के लिए
3️⃣ रासायनिक व जैविक खाद डालने के लिए
4️⃣ फसल संरक्षण हेतु (Crop Protection)
5️⃣ खाली जगह भरने (Gap Filling) के लिए
🧑🌾 पात्रता मानदंड (Eligibility Criteria)
🔹 आवेदक महाराष्ट्र राज्य का स्थायी निवासी होना चाहिए।
🔹 किसान के पास 7/12 तथा 8-A उतारे होना अनिवार्य है।
🔹 आधार कार्ड होना आवश्यक है।
🔹 किसान का बैंक खाता आधार से लिंक होना चाहिए।
👉 विशेष प्रावधान:
शारीरिक रूप से दिव्यांग (PH) किसानों के लिए कुल फंड का 5% विशेष निधि आरक्षित है।
🚫 अपात्रता (Exclusions)
❌ संस्थागत लाभार्थी (जैसे कंपनी, संस्था आदि) इस योजना के पात्र नहीं हैं।
❌ जिन किसानों के नाम पर भूमि नहीं है, वे आवेदन नहीं कर सकते।
📏 न्यूनतम और अधिकतम क्षेत्र सीमा
📍 कोंकण विभाग – 0.10 हेक्टेयर से 10.00 हेक्टेयर तक
📍 महाराष्ट्र के अन्य भागों में – 0.20 हेक्टेयर से 6.00 हेक्टेयर तक
🌱 विभिन्न फलों की अनुशंसित दूरी (Planting Distance)
फल फसल | दूरी |
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आम (Mango) | 10×10 मी. / 5×5 मी. |
काजू (Cashew) | 7×7 मी. |
अमरूद (Guava) | 3×2 मी. / 6×6 मी. |
डाळिंब (Pomegranate) | 4.5×3 मी. |
लिंबू / मोसंबी | 6×6 मी. / 6×3 मी. |
सीताफल | 5×5 मी. |
आवळा | 7×7 मी. |
चिंच / जांभुळ | 10×10 मी. |
कोकम | 7×7 मी. |
फणस | 10×10 मी. |
अंजीर | 4.5×3 मी. |
चिकू | 10×10 मी. |
नारळ | 8×8 मी. |
📄 आवश्यक दस्तावेज़
1️⃣ आधार कार्ड
2️⃣ 7/12 उतारा
3️⃣ 8-A उतारा
4️⃣ जाति प्रमाणपत्र (SC/ST के लिए)
5️⃣ स्वयं घोषणा पत्र (Self Declaration)
6️⃣ पूर्व स्वीकृति पत्र (Pre Sanction Letter)
7️⃣ पौधे या सामग्री की इनवॉइस
💻 आवेदन प्रक्रिया (Online Application Process)
🖥️ आवेदन पूरी तरह ऑनलाइन माध्यम से किया जाता है।
आवेदन करने की प्रक्रिया 👇
1️⃣ महाडीबीटी पोर्टल पर जाएं।
2️⃣ “Farmer Scheme” विकल्प चुनें।
3️⃣ “New Applicant Registration” पर क्लिक करें।
4️⃣ नाम, आधार नंबर, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी भरें।
5️⃣ उपयोगकर्ता नाम और पासवर्ड बनाएं।
6️⃣ लॉगिन कर प्रोफाइल 100% पूरी करें (व्यक्तिगत, पता और भूमि विवरण)।
7️⃣ इसके बाद योजना का चयन कर ऑनलाइन आवेदन करें।
8️⃣ ₹23.60 आवेदन शुल्क भरकर आवेदन सबमिट करें।
📢 योजना से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारी
🌾 क्या महिला किसान आवेदन कर सकती हैं?
➡️ हाँ, महिला किसान भी पात्र हैं।
🌾 क्या एक किसान दो से अधिक फलों की खेती के लिए आवेदन कर सकता है?
➡️ हाँ, किसान एक से अधिक फलों की फसलों के लिए आवेदन कर सकता है।
🌾 क्या यह राज्य प्रायोजित योजना है?
➡️ हाँ, यह 100% राज्य प्रायोजित योजना है।
🌾 क्या बैंक विवरण आवश्यक है?
➡️ हाँ, सब्सिडी सीधे आधार लिंक बैंक खाते में जमा की जाती है।
🌿 योजना के लाभ किसानों तक कैसे पहुँचते हैं
इस योजना में किसानों को तीन वर्षों में क्रमशः सहायता दी जाती है।
पहले वर्ष में बागवानी की शुरुआत के लिए राशि दी जाती है,
दूसरे वर्ष में 80–90% पौधों की जीवितता की शर्त पर अगली किस्त,
और तीसरे वर्ष में पौधों के पूर्ण विकास पर अंतिम किस्त दी जाती है।
🌱 इस प्रक्रिया से यह सुनिश्चित किया जाता है कि किसान पौधों की सही देखभाल करें और फळबाग दीर्घकालिक लाभ दे सके।
📚 निष्कर्ष
👉 भाऊसाहेब फुंडकर फळबाग लागवड योजना महाराष्ट्र के किसानों के लिए एक वरदान साबित हुई है।
इससे किसान न केवल फल उत्पादन बढ़ा रहे हैं बल्कि बागवानी के माध्यम से स्थायी आय भी अर्जित कर रहे हैं।
💬 यदि आप भी अपने खेत में आम, अमरूद, डाळिंब या नारळ जैसी फलों की बागवानी शुरू करना चाहते हैं, तो आज ही महाडीबीटी पोर्टल पर जाकर आवेदन करें। 🌴