Business Loan : प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना, केंद्र सरकार द्वारा पारंपरिक लघु उद्योगों और कारीगरों के लिए शुरू की गई एक महत्वाकांक्षी योजना है। इस योजना का उद्देश्य पारंपरिक व्यवसायों में लगे नागरिकों को वित्तीय सहायता, कौशल विकास प्रशिक्षण और व्यवसाय विकास के लिए सभी आवश्यक सहायता प्रदान करना है।
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योजना की शुरुआत और उद्देश्य
यह योजना 1 फरवरी, 2023 को शुरू की गई थी। सरकार ने पारंपरिक लघु उद्योगों और व्यवसायियों को सहायता प्रदान करने के लिए यह योजना शुरू की है और न केवल वित्तीय सहायता, बल्कि उनके व्यवसाय के समग्र विकास के लिए विभिन्न सुविधाएँ भी प्रदान की जा रही हैं।
ऋण सुविधाएँ और वित्तीय सहायता
यह योजना दो चरणों में कम ब्याज दरों पर ऋण प्रदान करती है। पहले चरण में एक लाख रुपये का ऋण प्रदान किया जाता है, जिसे 18 महीनों के भीतर चुकाना होता है। यदि समय पर भुगतान किया जाता है, तो दूसरे चरण में दो लाख रुपये का ऋण प्रदान किया जाता है, जिसे 30 महीनों के भीतर चुकाना होता है। दोनों चरणों में ऋणों पर ब्याज दर केवल 5% है और किसी भी प्रकार की संपार्श्विक राशि की आवश्यकता नहीं है। Business Loan
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अन्य लाभ और प्रशिक्षण सुविधाएँ
वित्तीय सहायता के अलावा, इस योजना में प्रतिदिन ₹500 का प्रशिक्षण भत्ता और टूलकिट के लिए ₹1500 सीधे बैंक खाते में जमा किए जाते हैं। इससे कारीगर अपने काम के लिए आवश्यक उपकरण खरीद पाते हैं और काम की गुणवत्ता में भी सुधार होता है।
लाभार्थी व्यवसाय
Business Loan इस योजना का लाभ देश भर के 18 प्रकार के पारंपरिक व्यवसायों को दिया जाता है। इनमें बढ़ई, सुनार, लोहार, राजमिस्त्री, कुम्हार, नाई, धोबी, दर्जी, मूर्तिकार, मछुआरा आदि जैसे पारंपरिक व्यवसाय शामिल हैं। यह योजना इन व्यवसायों को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
पात्रता मानदंड
इस योजना का लाभ उठाने के लिए आवेदक की आयु कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए। आवेदक कोई पारंपरिक व्यवसाय करता हो और उसने पीएम स्वनिधि, मुद्रा योजना या इसी तरह की किसी भी योजना का लाभ न लिया हो। साथ ही, सरकारी कर्मचारी और उनके परिवार इस योजना का लाभ नहीं उठा पाएँगे। यह योजना केवल उन कारीगरों के लिए है जो सही मायने में व्यवसाय कर रहे हैं।
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आवेदन प्रक्रिया
योजना के लिए आवेदन प्रक्रिया सरल है। इच्छुक लाभार्थियों को आधिकारिक वेबसाइट pmvishwakarma.gov.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आधार संख्या और ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी करने के बाद, आवेदन को निकटतम सीएससी केंद्र पर सत्यापित कराना होगा। तीन चरणों के सत्यापन के बाद, पात्र लाभार्थियों को योजना का लाभ मिलता है।
योजना का समाज पर प्रभाव
यह योजना पारंपरिक व्यवसायों में आधुनिकता लाती है। उत्पाद की गुणवत्ता बढ़ती है, स्थानीय स्तर पर रोजगार का सृजन होता है और पारंपरिक कौशल को बाजार में नए अवसर मिलते हैं। यह देश के आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना आत्मनिर्भर भारत मिशन से जुड़ी है और पारंपरिक व्यवसायियों को अपने पैरों पर खड़ा होने के लिए सरकार द्वारा आवश्यक सभी सहायता इस योजना द्वारा प्रदान की जा रही है। यह योजना व्यवसायियों के लिए एक संजीवनी साबित हो रही है।
अगर आप बढ़ई, सुनार, दर्जी, धोबी, नाई, कुम्हार या कोई अन्य पारंपरिक व्यवसाय करते हैं, तो यह योजना आपके व्यवसाय को आगे बढ़ाने का एक सुनहरा अवसर हो सकती है। कुछ आसान चरणों को पूरा करके आप इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। आज ही आवेदन करें और अपने व्यवसाय को एक नया आयाम दें।



