agriculture news फसल बीमा योजना के तहत खरीफ और रबी फसलों के लिए जारी की गई 2595 करोड़ रुपये की राशिफ़सल उर्वरकबीमा बीमा

agriculture news प्राकृतिक आपदाओं से किसानों की फसलों को काफी नुकसान होता है, जिसकी भरपाई किसानों को “प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना” के तहत की जाती है। इस कड़ी में राजस्थान की विधानसभा में कृषि मंत्री की तरफ से उद्योग मंत्री के.के. विश्नोई ने सोमवार, 10 मार्च के दिन जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत खरीफ 2023 और रबी 2023-24 की फसल बीमा दावा राशि का वितरण किया जा रहा है।फ़सल उर्वरक
कृषि मंत्री ने किसानों को दी बड़ी राहत,
जल्द बैंक खातों में क्रेडिट होंगे 368 करोड़|
खरीफ और रबी सीजन के लिए जारी की गई बीमा राशि
उद्योग मंत्री ने कहा कि रबी 2023-24 के लिए 1012.10 करोड़ रुपये की राशि किसानों को वितरित कर दी गई है, जबकि शेष राशि का भुगतान शीघ्र कर दिया जाएगा। इसी प्रकार, खरीफ 2023 के लिए कुल 1583.53 करोड़ रुपये की राशि पात्र किसानों को वितरित कर दी गई है।
शून्यकाल के दौरान, उद्योग राज्य मंत्री ने सदन के सदस्य अजय सिंह द्वारा ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से उठाए गए प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि नागौर (डीडवाना-कुचामन) सहित जिले के अविवादित फसल कटाई प्रयोग एवं फसल कटाई उपरांत होने वाले नुकसान के आधार पर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के क्रियान्वयन के तहत खरीफ 2023 के लिए 1,91,735 पॉलिसी धारकों को कुल 207.56 करोड़ रुपये वितरित किए गए हैं। इसी प्रकार रबी 2023-24 के लिए 44,625 पॉलिसीधारकों को 52.19 करोड़ रुपये वितरित किए गए हैं। agriculture news
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अनूपगढ़ में 289 किसानों को दिया गया बीमा क्लैम
वहीं एक ओर अन्य प्रश्न का जवाब देते हुए उद्योग मंत्री ने विधानसभा में कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत विधानसभा क्षेत्र अनूपगढ़ में रबी वर्ष 2023-24 में 289 किसानों को 22 लाख रुपए के बीमा क्लेम की राशि वितरित की गयी है एवं 157 कृषकों को एक करोड़ 39 लाख रुपए के क्लेम वितरण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। उन्होंने सदन को आश्वस्त किया कि बकाया बीमा क्लेम भुगतान के लिए सरकार द्वारा अनुबंधित बीमा कंपनियों से समन्वय कर किसानों को शीघ्र भुगतान करवाने की कार्यवाही की जा रही है।
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उन्होंने कहा कि नेफ्ट (NEFT) बाउंस होने पर बीमा कंपनी द्वारा कृषकों से पुनः बैंक खातों का समुचित विवरण लिया जाता है। तकनीकी कारणों से बीमा राशि बकाया होने की स्थिति में ब्याज दिए जाने का प्रावधान नहीं है।