Goat Farming Yojana -गाय, भैंस, बकरी के लिए इतनी सब्सिडी पाने के लिए ऑनलाइन करें आवेदन|

Goat Farming Yojana ग्रामीण क्षेत्रों में कई किसान खेती के साथ-साथ बकरी पालन भी करते हैं, क्योंकि यह व्यवसाय कम निवेश में अधिक लाभ देता है। बकरी पालन से दूध, मांस, गोबर और प्रजनन आय जैसे विभिन्न स्रोतों से नियमित आय प्राप्त की जा सकती है। इसे ध्यान में रखते हुए, केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा विभिन्न बकरी पालन सब्सिडी योजनाएं लागू की जाती हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों, महिलाओं, युवाओं और स्वयं सहायता समूहों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है।
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योजना के लिए उपलब्ध सब्सिडी
इन योजनाओं के तहत किसानों को बकरियां खरीदने के लिए मदद मिलती है। ज्यादातर योजनाओं में किसान कम से कम पांच से दस बकरियों के साथ व्यवसाय शुरू कर सकता है। कुछ योजनाएं 50 बकरियों तक की खरीद के लिए लागू हैं। पात्र आवेदक को लागत का लगभग 30 से 60 प्रतिशत सब्सिडी के रूप में मिलता है। विशेष जातियों, जैसे अनुसूचित जाति-जनजाति, महिला, दिव्यांग और छोटे किसानों को सब्सिडी का प्रतिशत अधिक दिया जाता है।
सरकारी सब्सिडी की प्रकृति
सरकार बकरियों के सुरक्षित और स्वच्छ आश्रय के लिए शेड बनाने के लिए भी वित्तीय सहायता प्रदान करती है। इस शेड को बनाने में करीब 40,000 से लेकर 1,00,000 रुपये तक का खर्च आ सकता है। इसके साथ ही कुछ योजनाओं के तहत पशु आहार, टीकाकरण, बीमा कवर और व्यावसायिक प्रशिक्षण जैसी पूरक सुविधाएं भी दी जाती हैं। Goat Farming Yojana
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पात्रता और आवेदन प्रक्रिया
इन योजनाओं का लाभ उठाने के लिए आवेदक का भारतीय नागरिक होना जरूरी है। उम्र कम से कम 18 साल होनी चाहिए। कुछ मामलों में बैंक से लोन लेकर उस पर योजना के लिए आवेदन करना शर्त है। आवेदन करते समय आधार कार्ड, आय प्रमाण पत्र, बैंक खाता, फोटो, जमीन का मालिकाना हक या पट्टा आदि जरूरी दस्तावेज जमा कराने होते हैं। आवेदक को स्थानीय कृषि विभाग, जिला पशुपालन कार्यालय या राष्ट्रीयकृत बैंकों से संपर्क करना चाहिए। कई योजनाएं ऑनलाइन भी उपलब्ध हैं।
Goat Farming Yojana नाबार्ड, राष्ट्रीय पशुधन विकास बोर्ड, राज्य कृषि विभाग और पशुपालन विभाग के साथ-साथ बैंकों द्वारा बकरी पालन के लिए लोन और अनुदान दिया जाता है। संबंधित संस्थान आवेदन प्रक्रिया और प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करने में मार्गदर्शन करते हैं।