PMFBY status check -फसल बीमा का रास्ता साफ हो गया है। बीमा कंपनियों को पैसे बांटे गए हैं। किसानों को मदद मिलेगी। सरकार की नई जी.आर.|

PMFBY status check प्रधानमंत्री खरीफ फसल बीमा योजना के जरिए कंपनियों को कुल 7,600 करोड़ रुपये का बीमा प्रीमियम दिया जाएगा।
राज्य सरकार ने अब तक करीब 6,584 करोड़ रुपये का भुगतान किया है, और 1,000 करोड़ रुपये की अंतिम किस्त अगले दो से तीन दिनों में कंपनियों के पास जमा हो जाएगी। यदि कंपनियां कुल बीमा प्रीमियम से मुआवजे को छोड़कर शेष राशि का 20 प्रतिशत लाभ के रूप में लेती हैं, तो कंपनियां राज्य सरकार को लगभग 2,300 करोड़ रुपये वापस कर देंगी।
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राज्य सरकार को इस योजना से 2,300 करोड़ रुपये का लाभ होगा। राज्य में 2024 के लिए प्रधानमंत्री खरीफ फसल बीमा योजना के तहत कंपनियों को कुल 8,63 करोड़ 56 लाख रुपये का बीमा प्रीमियम दिया जाना था। इसमें फर्जी फसल बीमा आवेदनों को रद्द करने के बाद 400 करोड़ रुपये की बचत हुई।
इस हिसाब से यह बीमा प्रीमियम अब 7,600 करोड़ रुपये हो गया है। इसमें से 6,584.92 करोड़ रुपए राज्य सरकार और केंद्र की ओर से कंपनियों को दिए जा चुके हैं। इसलिए करीब 1,000 करोड़ रुपए की अंतिम किस्त राज्य सरकार की ओर से कंपनियों को अभी नहीं दी गई है। कृषि विभाग की ओर से दिए गए प्रस्ताव को वित्त विभाग की मंजूरी के लिए रखा गया है। अगर इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है तो अगले दो से तीन दिनों में कंपनियों को 1,000 करोड़ रुपए की अंतिम किस्त दे दी जाएगी, सूत्रों ने यह भी स्पष्ट किया है। PMFBY status check
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ऐसे मिलेगा मुआवजा
PMFBY status check इस वर्ष स्थानीय प्राकृतिक आपदाओं, मध्य सत्र में प्रतिकूल परिस्थितियों, कटाई के बाद और फसल कटाई प्रयोगों के कारण हुए नुकसान के आधार पर किसानों को कुल 3,802.42 करोड़ रुपए का मुआवजा तय किया गया है।
इसमें कंपनियों ने किसानों को स्थानीय प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान के लिए 2,569.7 करोड़ रुपये, मध्य सत्र में प्रतिकूल परिस्थितियों से हुए नुकसान के लिए 707.6 करोड़ रुपये, फसल कटाई के बाद हुए नुकसान के लिए 79 लाख रुपये और फसल कटाई प्रयोगों के कारण हुए नुकसान के लिए 6.45 करोड़ रुपये का मुआवजा वितरित किया है।
अभी भी चारों कारकों से हुए नुकसान के लिए 518.91 करोड़ किसानों को वितरित नहीं किए गए हैं। कृषि विभाग ने कहा है कि राज्य सरकार द्वारा 1,000 करोड़ रुपये की किस्त दिए जाने के बाद किसानों को यह लंबित मुआवजा दिया जाएगा।
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कंपनियों को 20 प्रतिशत लाभ
कंपनियों के साथ हुए समझौते के अनुसार, कुल बीमा प्रीमियम से मुआवजे को छोड़कर शेष राशि का 20 प्रतिशत कंपनियों द्वारा लाभ के रूप में रखा जा सकता है। इस सीजन में किसानों को 3,802.42 करोड़ रुपये का मुआवजा देना होगा। इस प्रकार करीब 3800 करोड़ रुपए शेष रह गए हैं। यदि कंपनियों को इसमें से बाहर कर दिया जाए तो शेष 2300 करोड़ रुपए राज्य सरकार को वापस कर दिए जाएंगे। राज्य सरकार की ओर से अंतिम किस्त 1000 करोड़ रुपए का प्रस्ताव वित्त विभाग को सौंप दिया गया है। इसे 3 दिन में मंजूरी मिल जाएगी। इसके बाद किसानों को शेष मुआवजा दिया जाएगा। PMFBY status check