मध्यम वर्ग को RBI की एक और बड़ी राहत; विस्तृत जानकारी देखें| rbi new rule

rbi new rule for people मित्रों, भारतीय रिजर्व बैंक ने 7 फरवरी को आयोजित अपनी मौद्रिक नीति बैठक में महत्वपूर्ण निर्णयों की घोषणा की। इसमें रेपो दर में 0.25 आधार अंकों की कटौती करके कर्जदारों को कुछ राहत प्रदान की गई। इसलिए, ऋण की किस्तें सस्ती हो गईं। इसके बाद आरबीआई ने बैंकों पर जोखिम भार कम करके एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया, जिसका सीधा लाभ गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) और छोटी मात्रा में धन उपलब्ध कराने वाली वित्तीय संस्थाओं को मिलेगा।
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बैंकों के पास ऋण देने के अधिक अवसर हैं
जोखिम भार में कमी से बैंकों को उपभोक्ता ऋण के लिए सुरक्षा के रूप में अलग रखी जाने वाली धनराशि कम हो जाएगी। इससे उनकी ऋण देने की क्षमता बढ़ेगी। नवंबर 2023 में आरबीआई ने ऋण वितरण पर कुछ प्रतिबंध लगाए थे, जिससे एनबीएफसी और माइक्रोफाइनेंस संस्थानों द्वारा ऋण देने की गति धीमी हो गई थी।
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नया निर्णय क्या है?
आरबीआई ने अपने परिपत्र में स्पष्ट किया है कि समीक्षा के बाद उसने कुछ प्रकार के ऋणों पर जोखिम भार कम करने का निर्णय लिया है। इसके तहत अब माइक्रोफाइनेंस ऋणों पर जोखिम भार घटाकर 100 प्रतिशत कर दिया गया है। इससे पहले नवंबर 2023 में व्यक्तिगत ऋण और उपभोक्ता ऋण पर जोखिम भार बढ़ाकर 125 प्रतिशत कर दिया गया था, लेकिन आवास, शिक्षा, ऑटोमोबाइल और स्वर्ण आभूषण के लिए लिए गए ऋण को इससे बाहर रखा गया था। rbi new rule for people
क्या बदलेगा?
- उपभोक्ता ऋणों की तरह, माइक्रोफाइनेंस ऋणों को भी उच्च जोखिम भार से बाहर रखा गया।
- इस निर्णय से बैंकों को अधिक पूंजी उपलब्ध होगी, जिसे वे ऋण के रूप में वितरित कर सकेंगे।
- बैंकों को इस संबंध में उचित नीतियां और मानक परिचालन प्रक्रियाएं (एसओपी) लागू करने की आवश्यकता है।
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rbi new rule for people इसके अतिरिक्त, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) और स्थानीय क्षेत्र बैंकों द्वारा प्रदान किए गए माइक्रोफाइनेंस ऋणों पर 100 प्रतिशत जोखिम भार लागू किया गया है। इस निर्णय से एनबीएफसी और माइक्रोफाइनेंस संस्थाओं को अधिक वित्तपोषण के अवसर उपलब्ध होंगे तथा ऋण अधिक सुलभ होने से निम्न और मध्यम आय वर्ग के ग्राहकों को लाभ होगा।