भारत में खेती सिर्फ एक पेशा नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति और परंपरा का हिस्सा है। लेकिन आधुनिक रासायनिक खेती के चलते मिट्टी की उर्वरता और पर्यावरण दोनों पर बुरा असर पड़ा है। ऐसे में किसानों को फिर से प्राकृतिक और जैविक खेती की ओर प्रेरित करने के लिए केंद्र सरकार ने शुरू की है — परंपरागत कृषि विकास योजना (Paramparagat Krishi Vikas Yojana – PKVY) 🌿।
यह योजना किसानों को रासायनिक-मुक्त, पर्यावरण अनुकूल खेती अपनाने के लिए प्रोत्साहित करती है और मिट्टी की सेहत सुधारने के साथ-साथ उनकी आमदनी बढ़ाने का लक्ष्य रखती है।
🌱 योजना का उद्देश्य (Objective of PKVY)
परंपरागत कृषि विकास योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को जैविक खेती की ओर प्रेरित करना और देशभर में रासायनिक-मुक्त खेती प्रणाली को बढ़ावा देना है।
इस योजना के तहत सरकार किसानों को कम लागत, पर्यावरण-मित्र तकनीकें अपनाने के लिए मदद देती है।
🎯 मुख्य उद्देश्य इस प्रकार हैं:
- किसानों को प्राकृतिक संसाधन आधारित खेती प्रणाली की ओर लाना।
- मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखना और बढ़ाना।
- खेती की लागत को कम करके किसान की नेट आमदनी में वृद्धि करना।
- रासायनिक मुक्त और पौष्टिक खाद्य पदार्थों का उत्पादन बढ़ाना।
- पर्यावरण की रक्षा करना 🌍।
- किसानों को क्लस्टर या समूहों में संगठित करके उन्हें सशक्त बनाना।
- बाजार से सीधे जुड़ाव कराकर किसानों को उद्यमी बनाना।
🧑🌾 योजना की मुख्य विशेषताएँ (Key Features of PKVY)
परंपरागत कृषि विकास योजना में कई ऐसी विशेषताएँ हैं जो इसे अन्य कृषि योजनाओं से अलग बनाती हैं 👇
🌿 1. जैविक प्रमाणन (PGS-India):
यह योजना Participatory Guarantee System (PGS-India) के तहत कार्य करती है। यह एक स्थानीय स्तर पर आधारित प्रमाणन प्रणाली है, जिसमें किसानों और उपभोक्ताओं दोनों की भागीदारी होती है।
💡 इसमें थर्ड पार्टी सर्टिफिकेशन की जरूरत नहीं होती, जिससे प्रक्रिया आसान और सस्ती बनती है।
🏦 2. फंडिंग पैटर्न (Funding Pattern):
- सामान्य राज्यों के लिए — केंद्र और राज्य का अनुपात 60:40।
- उत्तर-पूर्वी और हिमालयी राज्यों के लिए — 90:10।
- केंद्र शासित प्रदेशों के लिए — 100% केंद्रीय सहायता।
🌾 3. लक्ष्य (Target Area):
सरकार ने वर्ष 2025-26 तक 6 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को जैविक खेती के तहत लाने का लक्ष्य रखा है।
🌿 जैविक खेती क्यों ज़रूरी है?
रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के अत्यधिक उपयोग से आज मिट्टी की गुणवत्ता घट रही है, और भोजन में पोषक तत्वों की कमी आ गई है।
ऐसे में जैविक खेती किसानों के लिए एक लंबे समय तक टिकाऊ विकल्प है 👨🌾।
🌻 जैविक खेती के लाभ:
- मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है।
- उत्पादन में गुणवत्ता बढ़ती है।
- पर्यावरण प्रदूषण में कमी आती है।
- किसानों की लागत घटती है।
- फसलों की बाजार में कीमत बेहतर मिलती है 💰।
📈 PKVY के तहत मिलने वाले लाभ (Benefits of PKVY)
परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत किसानों को कई प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष लाभ मिलते हैं 👇
- जैविक खेती को बढ़ावा – किसानों को प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता दी जाती है।
- मिट्टी की सेहत में सुधार – रासायनिक मुक्त खेती से मिट्टी पुनर्जीवित होती है।
- रासायनिक-मुक्त फसलों का उत्पादन – पौष्टिक और स्वास्थ्यवर्धक खाद्यान्न उपलब्ध होते हैं 🍚।
- बाजार तक सीधी पहुँच – किसानों को स्थानीय और राष्ट्रीय बाजार से जोड़ा जाता है।
- समूह आधारित सशक्तिकरण – किसानों को क्लस्टर बनाकर एकजुट किया जाता है जिससे वे उत्पादन, मूल्यवर्धन और विपणन का प्रबंधन कर सकें।
- कम लागत, ज्यादा मुनाफा – जैविक खेती में बाहरी इनपुट पर निर्भरता कम होती है।
✅ पात्रता (Eligibility Criteria)
परंपरागत कृषि विकास योजना में सभी किसान एवं संस्थान आवेदन कर सकते हैं।
📋 पात्रता की मुख्य बातें:
- आवेदक भारत का निवासी होना चाहिए 🇮🇳।
- अधिकतम भूमि सीमा 2 हेक्टेयर होनी चाहिए।
- छोटे और सीमांत किसान इस योजना के मुख्य लाभार्थी हैं।
🚫 अपात्रता (Exclusions)
- जिन किसानों के पास 2 हेक्टेयर से अधिक भूमि है, वे इस योजना के लिए पात्र नहीं हैं।
📝 आवेदन प्रक्रिया (Application Process)
इस योजना के लिए आवेदन ऑफलाइन मोड में किया जाता है।
आवेदन की प्रक्रिया को समझना बहुत आसान है 👇
चरणवार प्रक्रिया:
1️⃣ राज्य के क्षेत्रीय परिषद (Regional Council) से संपर्क करें।
2️⃣ क्षेत्रीय परिषद सभी किसानों के आवेदन एकत्रित करती है और वार्षिक कार्य योजना (Annual Action Plan) बनाती है।
3️⃣ यह कार्य योजना राज्य सरकार द्वारा संकलित होकर कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय को भेजी जाती है।
4️⃣ केंद्र सरकार द्वारा राज्य को धनराशि जारी की जाती है।
5️⃣ राज्य सरकार क्षेत्रीय परिषद को धन देती है, जो आगे किसानों को लाभ पहुंचाती है।
📂 आवश्यक दस्तावेज़ (Documents Required)
आवेदन के लिए निम्नलिखित दस्तावेज़ आवश्यक हैं 🧾:
- आधार कार्ड नंबर
- भूमि स्वामित्व दस्तावेज़
- जाति प्रमाणपत्र (SC/ST/OBC के लिए)
- मोबाइल नंबर
- बैंक विवरण
- पासपोर्ट साइज फ़ोटो
- DPR (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट)
💡 राज्य और योजना के प्रकार के अनुसार दस्तावेज़ों में थोड़ा अंतर हो सकता है। इसलिए किसान अपने राज्य की परिषद से संपर्क करें।
💬 अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
❓1. PKVY योजना के मुख्य लाभ क्या हैं?
👉 जैविक खेती को बढ़ावा, मिट्टी की सेहत में सुधार, रासायनिक मुक्त उत्पादन, बाजार तक सीधी पहुँच और किसानों का सशक्तिकरण।
❓2. क्या लाभ सीधे किसान के खाते में आते हैं?
👉 नहीं, लाभ राज्य की क्षेत्रीय परिषदों के माध्यम से वितरित किए जाते हैं।
❓3. क्या यह योजना किसानों के लिए बाज़ार उपलब्ध कराती है?
👉 हाँ, योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को स्थानीय और राष्ट्रीय बाजारों से जोड़ना है।
❓4. क्या कोई विशेष पात्रता है?
👉 नहीं, सभी किसान आवेदन कर सकते हैं, पर भूमि 2 हेक्टेयर से अधिक नहीं होनी चाहिए।
❓5. क्या मैं व्यक्तिगत रूप से ऑनलाइन आवेदन कर सकता हूँ?
👉 नहीं, आवेदन राज्य की क्षेत्रीय परिषद के माध्यम से ही किया जाता है।
🌾 योजना से जुड़े महत्वपूर्ण लिंक (Internal Links)
👉प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना 2025: किसानों की फसल सुरक्षा का बड़ा सहारा
👉महिला किसान योजना (Mahila Kisan Yojana) 2025: उद्देश्य, लाभ, पात्रता, आवेदन प्रक्रिया और ज़रूरी दस्तावेज़
👉 प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना 2025 (PM-KISAN) : किसानों के लिए आर्थिक सहारा
👉 प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना: पर ड्रॉप मोर क्रॉप
🌿 निष्कर्ष (Conclusion)
परंपरागत कृषि विकास योजना किसानों को स्वावलंबी और पर्यावरण-संवेदनशील बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
यह योजना न केवल मिट्टी की उर्वरता को पुनर्जीवित करती है, बल्कि किसानों को रासायनिक-मुक्त खेती के फायदे भी सिखाती है।
अगर आप भी कम लागत में ज्यादा मुनाफे के साथ स्वास्थ्यवर्धक फसल उत्पादन करना चाहते हैं 🌾, तो आज ही अपने क्षेत्रीय परिषद से संपर्क करें और इस योजना का हिस्सा बनें! 🌱✨
🪴 महत्वपूर्ण जानकारी (Quick Summary)
विषय | विवरण |
---|---|
योजना का नाम | परंपरागत कृषि विकास योजना (PKVY) |
शुरू करने वाला विभाग | कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय |
उद्देश्य | जैविक खेती को बढ़ावा देना और मिट्टी की सेहत सुधारना |
पात्रता | सभी किसान जिनके पास 2 हेक्टेयर तक भूमि है |
सहायता अनुपात | 60:40 (केंद्र: राज्य), 90:10 (पूर्वोत्तर/हिमालयी), 100% (UT) |
आवेदन प्रक्रिया | ऑफलाइन (क्षेत्रीय परिषद के माध्यम से) |
दस्तावेज़ | आधार, भूमि पत्र, बैंक विवरण, DPR आदि |
लाभ | जैविक खेती, मिट्टी की सेहत, बाजार से जुड़ाव |
आंतरिक लिंक सुझाव (Internal Link Suggestions)
1. किसानों के लिए मोटर पंपसेट पर 60,000 तक अनुदान
2. प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY) 2025
3. प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा (PM-KUSUM) योजना 2025
4. राज्य फसल सहायता योजना 2025
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